डॉ. भीमराव अंबेडकर: एक महान नेता जिनसे हमें सीख लेनी चाहिए



डॉ. भीमराव अंबेडकर: एक महान नेता जिनसे हमें सीख लेनी चाहिए
(विद्यालयी बाल लेख)
पब्लिश by Naveen Singh 

क्या आपने कभी ऐसे व्यक्ति के डॉ. भीमराव अंबेडकर: एक महान नेता जिनसे हमें सीख लेनी चाहिए।
वह जो गरीब और पिछड़े परिवार से था, लेकिन पढ़ाई की ताकत से वह पूरे देश के लिए संविधान बना गया? ऐसा ही महान व्यक्ति थे डॉ. भीमराव अंबेडकर।

डॉ. अंबेडकर का जीवन
डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू नामक जगह पर हुआ था। वे एक गरीब परिवार में जन्मे थे और बचपन में उन्हें स्कूल में बहुत भेदभाव झेलना पड़ा। उन्हें स्कूल में बैठने नहीं दिया जाता था, पानी छूने नहीं दिया जाता था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

वे बहुत मेहनती थे। उन्होंने भारत के साथ-साथ अमेरिका और इंग्लैंड जाकर पढ़ाई की और बड़े विद्वान बने।

उन्होंने क्या-क्या काम किए?

1. सबको बराबरी दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी
डॉ. अंबेडकर चाहते थे कि हर व्यक्ति को बराबरी का हक मिले – चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग का हो।


2. दलितों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा की
उन्होंने समाज के उस वर्ग के लिए काम किया जिसे ‘अछूत’ कहा जाता था। उन्होंने उन्हें हिम्मत दी, पढ़ाई की प्रेरणा दी और समाज में सम्मान दिलाने का काम किया।


3. महाड़ आंदोलन
उन्होंने एक आंदोलन चलाया ताकि सभी लोग एक ही पानी के तालाब से पानी ले सकें। यह बहुत बड़ा कदम था समानता के लिए।


4. संविधान बनाए
जब भारत आज़ाद हुआ, तो डॉ. अंबेडकर को भारत का संविधान बनाने का काम मिला। उन्होंने संविधान में यह लिखा कि –

सभी नागरिक बराबर हैं।

किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।

गरीब और पिछड़े लोगों को पढ़ाई और नौकरी में आरक्षण मिलेगा।



5. बौद्ध धर्म अपनाया
उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया क्योंकि उसमें सभी लोग बराबर माने जाते हैं। उन्होंने लाखों लोगों को भी यही रास्ता अपनाने की प्रेरणा दी।



बच्चों के लिए सीख

हमेशा पढ़ाई को अपना सबसे बड़ा हथियार मानो।

कभी किसी को छोटा मत समझो।

अपने हक के लिए आवाज उठाओ, लेकिन सच्चाई और शांति से।

सभी के साथ प्रेम और सम्मान से पेश आओ।

कभी हार मत मानो, चाहे हालात जैसे भी हों।


डॉ. अंबेडकर का संदेश:

“शिक्षित बनो, संघर्ष करो, संगठित रहो।”

यह संदेश आज भी हमें मेहनत करने, एकजुट रहने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।




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