**"लाभ और हानि: राघव की गणितीय समझ की कहानी"**

**"लाभ और हानि: राघव की गणितीय समझ की कहानी"**
:नवीन सिंह राणा 



एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में राघव नाम का एक बुद्धिमान बालक रहता था। राघव को गणित से बहुत लगाव था। वह हर चीज़ में गणित की खोज करता और गाँव के लोगों की मदद करता। लेकिन एक दिन, उसके स्कूल में नए गणित शिक्षक आए। उन्होंने बच्चों को लाभ और हानि की अवधारणा सिखाने का निर्णय लिया। राघव बहुत उत्साहित था, लेकिन उसे यह समझ में नहीं आया कि यह गणित से कैसे जुड़ा है।

शिक्षक ने कक्षा में सभी बच्चों को एक कहानी सुनाई:

"एक गाँव में दो दोस्त थे, सूरज और चाँद। दोनों ने मिलकर आम का एक बगीचा लगाया। सूरज ने बगीचे में 100 रुपये का निवेश किया, और चाँद ने भी 100 रुपये का निवेश किया। कुछ महीनों बाद, बगीचे में आम लगने लगे, और उन्होंने आम बेचकर 300 रुपये कमाए। अब सवाल यह था कि उन्होंने कितना लाभ कमाया और कैसे बाँटें?"

राघव ने तुरंत अपना हाथ उठाया और कहा, "सर, उन्होंने 300 रुपये कमाए, लेकिन पहले उन्होंने 200 रुपये खर्च किए थे, इसलिए उनका कुल लाभ 100 रुपये है।"

शिक्षक ने मुस्कुराते हुए कहा, "बिलकुल सही, राघव। अब बताओ, उन्हें यह लाभ कैसे बाँटना चाहिए?"

राघव ने सोचा और फिर कहा, "क्योंकि दोनों ने समान राशि का निवेश किया था, इसलिए उन्हें लाभ को भी समान रूप से बाँटना चाहिए। इसका मतलब है कि दोनों को 50-50 रुपये मिलना चाहिए।"

शिक्षक ने सभी बच्चों की ओर देखा और कहा, "राघव ने बिल्कुल सही गणना की है। लेकिन क्या तुम सब जानते हो कि यह गणितीय ज्ञान हमारे रोज़मर्रा के जीवन में कितना महत्वपूर्ण है? लाभ और हानि की अवधारणा हमें बताती है कि हमें निवेश के बाद कितना फायदा हो रहा है या हमें कितना नुकसान हो रहा है।"
शिक्षक ने फिर एक और उदाहरण दिया, "मान लो कि एक दिन चाँद को अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ गई और उसने अपनी आधी हिस्सेदारी सूरज को 60 रुपये में बेच दी। अब सूरज के पास 150 रुपये का निवेश हो गया। अगर बगीचे से इस बार 400 रुपये की कमाई हुई, तो बताओ, सूरज को कितना लाभ हुआ?"

राघव ने तुरंत हिसाब लगाया और कहा, "सर, कुल कमाई 400 रुपये है, और कुल निवेश 250 रुपये (150 रुपये सूरज के और 100 रुपये चाँद के)। इसलिए कुल लाभ 150 रुपये हुआ। क्योंकि सूरज ने 150 रुपये का निवेश किया था, उसे इस बार 90 रुपये का लाभ मिलेगा।"

शिक्षक ने फिर से मुस्कुराया और कहा, "सही कहा, राघव! यही गणित का जादू है। हम इसे सही ढंग से समझें, तो हमें पता चल जाता है कि हम अपने निवेश से कितना लाभ कमा सकते हैं।"

राघव और बाकी बच्चे अब लाभ और हानि की गणितीय अवधारणा को अच्छे से समझ चुके थे। इस कहानी के बाद, राघव ने अपने दोस्तों को भी यह ज्ञान सिखाया और सभी ने मिलकर अपने छोटे-छोटे व्यापार में इसका उपयोग करना शुरू कर दिया।

इस तरह, राघव और उसके दोस्तों ने गणित की मदद से जीवन में लाभ और हानि की सही समझ प्राप्त की, जो उनके भविष्य में बहुत काम आई।

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