रिंकी और संतुलित भोजन का जादू: बाल कहानी
रिंकी और संतुलित भोजन का जादू: बाल कहानी
:नवीन सिंह राणा की कलम से
रिंकी एक प्यारी सी बच्ची थी, जिसे खेलना बहुत पसंद था। लेकिन वह खाने में बहुत नखरे करती थी। उसे केवल चिप्स और चॉकलेट पसंद थे। एक दिन, वह स्कूल से घर आई और उसकी माँ ने देखा कि वह बहुत थकी हुई और उदास लग रही थी।
उसकी माँ ने पूछा, "रिंकी, तुम इतनी थकी हुई क्यों हो?"
रिंकी ने कहा, "माँ, मुझे खेलने में मजा नहीं आ रहा और मुझे हमेशा थकान महसूस होती है।"
उसकी माँ ने सोचा कि अब समय आ गया है कि रिंकी को संतुलित भोजन के बारे में सिखाया जाए। क्योंकि यह खाने से अधिक चिप्स, चाउमीन और पैकेज फूड खाना अधिक पसंद करती है।उन्होंने रिंकी से कहा, "रिंकी, चलो एक कहानी के माध्यम से संतुलित भोजन के महत्व को समझते हैं। और यह आपके लिय बेहद जरूरी है।
एक दिन की बात है, एक सुंदर गाँव था जहाँ सभी लोग स्वस्थ और खुश रहते थे। इसका कारण था कि वे सभी संतुलित भोजन करते थे। संतुलित भोजन का मतलब है कि खाने में सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद हों - जैसे विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा और खनिज।
गाँव में एक बच्चा था, जिसका नाम गोलू था। गोलू को केवल मिठाइयाँ और तली हुई चीजें पसंद थीं। उसने कभी फल, सब्जियाँ, दालें और दूध नहीं पिया। धीरे-धीरे, गोलू कमजोर होने लगा और उसे अक्सर बीमारियाँ होने लगीं। उसे थोडा सा चलने या खेलने में तुम्हारे तरह थकान हो जाती थी।
एक दिन, गाँव के डॉक्टर के पास उसकी मां ले गई, डाक्टर ने गोलू को देखा और कहा, "गोलू, तुम्हें संतुलित भोजन नहीं मिल रहा है। तुम्हारे शरीर को विटामिन, प्रोटीन और खनिजों की जरूरत है।"
गोलू ने पूछा, "डॉक्टर अंकल, यह संतुलित भोजन क्या होता है?"
डॉक्टर अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा, "संतुलित भोजन का मतलब है कि तुम्हारे खाने में सभी पोषक तत्व होने चाहिए। जैसे हरी सब्जियाँ, फल, दालें, अनाज, दूध, और थोड़ी सी मात्रा में वसा।"
गोलू ने सिर हिलाते हुए कहा, "लेकिन अगर मैं ऐसा नहीं खाऊँगा तो क्या होगा?"
डॉक्टर ने समझाया, "अगर तुम संतुलित भोजन नहीं खाओगे, तो तुम्हारे शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलेंगे। इससे तुम कमजोर हो जाओगे, तुम्हारी हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर हो जाएँगी, और तुम्हें बीमारियाँ हो सकती हैं जैसे एनीमिया, स्कर्वी और रिकेट्स।"
गोलू ने कहा, "ओह, अब मैं समझ गया! मैं संतुलित भोजन खाऊँगा ताकि मैं स्वस्थ रह सकूँ।"
रिंकी ने कहानी सुनकर सोचा और कहा, "माँ, अब मैं समझ गई कि मुझे संतुलित भोजन क्यों खाना चाहिए। मैं भी गोलू की तरह स्वस्थ और खुश रहना चाहती हूँ।"
उसकी माँ ने खुश होकर कहा, "बिल्कुल सही, रिंकी! अगर तुम संतुलित भोजन खाओगी, तो तुम हमेशा स्वस्थ रहोगी और तुम्हें ऊर्जा मिलेगी।"
उस दिन से रिंकी ने संतुलित भोजन खाना शुरू कर दिया। उसने अपने खाने में हरी सब्जियाँ, फल, दालें, अनाज, दूध और थोड़ी सी मात्रा में वसा शामिल की। कुछ ही दिनों में, वह फिर से ऊर्जा से भर गई और खेलकूद में खुश रहने लगी।
इस तरह, रिंकी ने संतुलित भोजन का महत्व समझा और हमेशा स्वस्थ रहने के लिए संतुलित भोजन करना शुरू कर दिया।
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