बोलने की क्लास

बोलने की कक्षा क्यों और कैसे?
🖋️नवीन सिंह 

बोलने की क्लास बच्चों की संवाद क्षमता, आत्मविश्वास, और विचार व्यक्त करने की क्षमता को बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है। इसे विद्यालय और कक्षा में व्यवस्थित रूप से लागू करने के लिए निम्नलिखित रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं:


कक्षा में बोलने की क्लास लागू करने के तरीके

1. नियमित समय निर्धारित करें

हर दिन या सप्ताह में 10-15 मिनट की "बोलने की क्लास" का समय तय करें।

यह समय सुबह प्रार्थना के बाद, पाठ के अंत में, या लंच के बाद रखा जा सकता है।


2. विषय चयन

बच्चों की रुचि और स्तर के अनुसार सरल और रोचक विषय चुनें। जैसे:

"मेरा पसंदीदा फल"

"छुट्टियों में मैंने क्या किया?"

"अगर मैं एक पक्षी होता तो क्या करता?"



3. बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करें

हर बच्चे को अपनी बारी में बोलने का मौका दें।

शुरुआत में 2-3 वाक्य बोलने के लिए प्रेरित करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।


4. टीम और जोड़ी गतिविधियां

बच्चों को जोड़ी या समूह में बांटें और उन्हें एक-दूसरे से बात करने को कहें।

उदाहरण: एक बच्चा सवाल पूछे और दूसरा जवाब दे।


5. कहानी सुनाना और सुनाना सीखना

बच्चों को कहानियां पढ़ने और सुनाने के लिए कहें।

उन्हें कहानी में अपनी कल्पना जोड़ने की अनुमति दें।


6. चित्र आधारित बोलने की गतिविधि

बच्चों को चित्र दिखाएं और उस पर अपने विचार व्यक्त करने को कहें।

उदाहरण: एक खेत का चित्र दिखाकर पूछें, "इसमें आप क्या देख रहे हैं?"


7. शब्दावली खेल (Vocabulary Games)

बच्चों को नए शब्द सिखाएं और उनसे इन शब्दों का उपयोग करते हुए वाक्य बनाने को कहें।


8. प्रशंसा और सुधार

बच्चों को बोलने के लिए प्रोत्साहित करें और उनकी गलतियों को स्नेहपूर्वक सुधारें।

सकारात्मक शब्दों का उपयोग करें, जैसे "बहुत अच्छा प्रयास," "तुमने अच्छा बोला।"



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विद्यालय स्तर पर बोलने की क्लास लागू करने के तरीके

1. अंतर-कक्षा गतिविधियां

पूरे विद्यालय के लिए बोलने की प्रतियोगिताएं आयोजित करें, जैसे:

कहानी सुनाने की प्रतियोगिता।

वाद-विवाद (Debate) प्रतियोगिता।

"5 मिनट बोलो" गतिविधि।



2. प्रार्थना सभा में बोलने का अवसर

प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को अपने अनुभव, विचार, या कविता प्रस्तुत करने का मौका दें।

एक "आज का वक्ता" नामक सत्र शुरू करें।


3. बाल सभा का आयोजन

बच्चों के लिए मासिक "बाल सभा" का आयोजन करें, जहां वे अपनी रुचियों और विचारों को साझा कर सकें।

इसे कहानी, कविता, और नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है।


4. पढ़ाई से जुड़ी बोलने की गतिविधियां

हर विषय के शिक्षक अपनी कक्षा में बोलने के लिए कुछ समय निकालें।

उदाहरण:

विज्ञान में, "पृथ्वी पर पानी क्यों जरूरी है?"

सामाजिक विज्ञान में, "महात्मा गांधी का योगदान।"



5. दीवार पत्रिका (Wall Magazine)

बच्चों को बोलने का विषय चुनने और उसे दीवार पत्रिका पर लिखने या चित्रित करने दें।

हर सप्ताह इसका प्रदर्शन करें।


6. अतिथि वक्ता कार्यक्रम

समय-समय पर समुदाय के व्यक्तियों को बच्चों के सामने प्रेरणादायक भाषण देने के लिए आमंत्रित करें।

बच्चों को उनसे सवाल पूछने का अवसर दें।


7. रोल प्ले और नाटक

बच्चों को छोटे-छोटे नाटक और रोल प्ले करने के लिए प्रेरित करें।

यह उन्हें संवाद बोलने और टीम वर्क सिखाने में मदद करेगा।



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बोलने की क्लास की सफलता के लिए सुझाव

1. भयमुक्त वातावरण तैयार करें

बच्चों को बोलने के दौरान किसी प्रकार की झिझक या डर महसूस न हो।

उन्हें भरोसा दिलाएं कि गलतियां करना सीखने का हिस्सा है।



2. प्रशंसा और प्रेरणा दें

छोटे प्रयासों को भी सराहें। बच्चों को बताएं कि उनकी बातें सुनना कितना अच्छा लगता है।



3. धीरे-धीरे जटिलता बढ़ाएं

शुरुआत में छोटे और सरल विषय दें, फिर धीरे-धीरे जटिल विषयों पर चर्चा करें।



4. अनुशासन बनाए रखें

बोलने की क्लास में सभी बच्चों को ध्यान से सुनने की आदत डालें।



5. सफल बच्चों को उदाहरण बनाएं

जो बच्चे अच्छी तरह बोलते हैं, उन्हें प्रेरणा का स्रोत बनाएं और दूसरों को उनसे सीखने का अवसर दें।





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एक सप्ताह की बोलने की क्लास योजना (उदाहरण)


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निष्कर्ष

बोलने की क्लास बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह न केवल उनकी भाषा और संवाद क्षमता को सुधारती है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और आलोचनात्मक सोच को भी बढ़ाती है। इसे कक्षा और विद्यालय स्तर पर एक रोचक और सहभागी गतिविधि के रूप में लागू करने से बच्चों के व्यक्तित्व का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।


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