कक्षा 1 के बच्चे और कविता शिक्षण
कक्षा 1 के बच्चे और कविता शिक्षण
✍️ विद्या विज्ञान
कक्षा एक के बच्चों को कविता सिखाना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन मजेदार काम हो सकता है। इस उम्र के बच्चों के लिए कविता शिक्षण को सरल, रोचक और संवादात्मक बनाने की जरूरत होती है। निम्नलिखित तरीकों के माध्यम से आप कक्षा एक के बच्चों को प्रभावी ढंग से कविता सिखा सकते हैं:
1. लय और ताल का प्रयोग
तरीका: छोटे बच्चे लय और ताल को बहुत पसंद करते हैं। कविता को गाने के रूप में या तुकबंदी के साथ पढ़ाएं ताकि बच्चे इसे लय में याद कर सकें।
उदाहरण: "चंदा मामा दूर के" कविता को एक सरल और संगीतमय धुन में पढ़ाएं। जैसे, "चंदा मामा दूर के, पुए पकाए पूर के, आप खाएं थाली में, मुन्ने को दे प्याली में।" इसे बार-बार दोहराएं ताकि बच्चे इसे मजे में याद कर सकें।
2. चित्रों का प्रयोग
तरीका: इस उम्र के बच्चे दृश्य सीखने की प्रवृत्ति रखते हैं। कविताओं से जुड़े चित्र दिखाकर बच्चों को कविता का मतलब समझाएं।
उदाहरण: यदि आप "हाथी राजा" कविता सिखा रहे हैं, तो हाथी का चित्र दिखाएं और साथ ही बच्चों से पूछें, "क्या आप जानते हैं कि हाथी राजा क्या करता है?" इससे बच्चे हाथी की कल्पना कर सकेंगे और कविता को समझना उनके लिए आसान हो जाएगा।
3. शरीर के हाव-भाव और नाट्य रूपांतरण
तरीका: छोटे बच्चे अभिनय और हाव-भाव के साथ आसानी से जुड़ जाते हैं। कविता को पढ़ते समय हाथों और चेहरे के भावों का उपयोग करें और बच्चों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
उदाहरण: "मछली जल की रानी है" कविता में मछली तैरने की क्रिया को नाट्य रूप में दिखाएं। आप खुद मछली की तरह हाथ हिला सकते हैं, और बच्चों को भी मछली की तरह तैरने का अभिनय करने के लिए कह सकते हैं। इससे वे कविता को ज्यादा मजे के साथ सीखेंगे।
4. दोहराव और अभ्यास
तरीका: छोटे बच्चों को कविता सिखाने के लिए बार-बार दोहराव बहुत जरूरी है। एक ही कविता को अलग-अलग तरीकों से बार-बार पढ़ाएं ताकि बच्चे उसे पूरी तरह से याद कर सकें।
उदाहरण: "बंदर मामा पहन पजामा" कविता को दिन के अलग-अलग समय में या अलग-अलग तरीकों से (गाकर, अभिनय करके) पढ़ाएं। इससे बच्चे कविता के साथ सहज हो जाएंगे और इसे जल्दी याद कर लेंगे।
5. कविता को खेल के रूप में पढ़ाना
तरीका: बच्चे खेलों के जरिए ज्यादा सीखते हैं। कविता को खेल की तरह पढ़ाएं, जिसमें वे भाग ले सकें।
उदाहरण: "बिल्ली मौसी" कविता पढ़ाने के बाद बच्चों को एक छोटे से खेल में शामिल करें, जहां वे "बिल्ली" और "चूहे" की भूमिकाएं निभाएं। एक बच्चा बिल्ली बने और बाकी बच्चे चूहे बनें, फिर कविता को पढ़ते हुए खेल को आगे बढ़ाएं। इस तरीके से बच्चे कविता को खेल-खेल में सीख जाएंगे।
6. सामूहिक गायन
तरीका: बच्चों को समूह में कविता गाने के लिए प्रेरित करें। इससे वे न केवल कविता को याद रखेंगे, बल्कि समूह की भावना भी विकसित होगी।
उदाहरण: "आओ बच्चो तुमको दिखाएं" कविता को सभी बच्चों के साथ मिलकर गाएं। एक बार सभी बच्चे लय में आ जाएंगे, तो वे कविता को और भी ज्यादा खुशी और उत्साह के साथ गाएंगे।
7. छोटे-छोटे टुकड़ों में कविता पढ़ाना
तरीका: कविता के बड़े हिस्सों को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित करके पढ़ाएं। इससे बच्चे धीरे-धीरे पूरी कविता को आसानी से समझ पाएंगे।
उदाहरण: "गुब्बारे वाला आया" कविता को पहले दो पंक्तियों में विभाजित करें: "गुब्बारे वाला आया, रंग-बिरंगे गुब्बारे लाया।" इन दो पंक्तियों को पहले बच्चों को याद कराएं, फिर धीरे-धीरे अगली पंक्तियां जोड़ें।
8. कविता से संबंधित वास्तविक वस्तुओं का प्रयोग
तरीका: बच्चों को कविता से संबंधित वास्तविक वस्तुओं को दिखाएं। इससे वे कविता को अपनी कल्पना में बेहतर ढंग से देख पाएंगे।
उदाहरण: अगर आप "गुब्बारे वाला" कविता पढ़ा रहे हैं, तो कक्षा में बच्चों को गुब्बारे दिखाएं और उन्हें कविता पढ़ते समय गुब्बारों के रंग और आकार के बारे में बात करने दें। इससे बच्चे कविता को वास्तविक जीवन से जोड़ सकेंगे।
9. बच्चों को कहानी के रूप में समझाना
तरीका: कविता को एक छोटी कहानी की तरह पेश करें, जिससे बच्चे उसकी शुरुआत, मध्य और अंत को समझ सकें।
उदाहरण: "बंदर मामा" कविता को कहानी की तरह पेश करें कि कैसे बंदर मामा पजामा पहनकर घूमने निकले। बच्चों को यह कहानी सुनाने का तरीका बहुत पसंद आएगा और वे कविता के साथ जुड़ाव महसूस करेंगे।
10. बच्चों को कविता में शामिल करना
तरीका: बच्चों को कविता के किसी हिस्से को दोहराने के लिए कहें। इससे उनकी सक्रिय भागीदारी बढ़ेगी।
उदाहरण: "चंदा मामा" कविता पढ़ाते समय, आप पंक्तियों के अंत में बच्चों से "चंदा मामा" बोलने के लिए कह सकते हैं। जब वे कविता में शामिल होंगे, तो वे इसे और जल्दी समझ पाएंगे और इसका आनंद उठाएंगे।
निष्कर्ष:
कक्षा एक के बच्चों को कविता सिखाने के लिए इन तरीकों का उपयोग करने से कविता शिक्षण प्रक्रिया अधिक रोचक, संवादात्मक और मजेदार बन जाएगी। इससे बच्चे न केवल कविता सीखेंगे बल्कि उसे समझेंगे, याद करेंगे और उस पर गर्व भी महसूस करेंगे।
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