नवोदय प्रवेश परीक्षा में रीजनिंग का पाठ्यक्रम और तैयारी:**✍️ विद्या विज्ञान की प्रस्तुति
**नवोदय प्रवेश परीक्षा में रीजनिंग का पाठ्यक्रम और तैयारी:**
✍️ विद्या विज्ञान की प्रस्तुति
Publised by Naveen Singh Rana
रीजनिंग (तार्किक क्षमता) के प्रश्न नवोदय प्रवेश परीक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि यह बच्चों की सोचने-समझने की क्षमता का आकलन करता है। इसके लिए निम्नलिखित पाठ्यक्रम पर ध्यान देना चाहिए:
1. **अंक और आरेखीय श्रेणी (Number & Figure Series):**
- इसमें बच्चों को संख्याओं या चित्रों की श्रृंखला में पैटर्न पहचानना होता है। बच्चों को सरल से जटिल पैटर्न समझने के लिए रोज अभ्यास कराया जाए।
- उदाहरण: 2, 4, 6, 8… अगली संख्या क्या होगी?
2. **आकृति पहचान (Figure Classification):**
- विभिन्न आकृतियों में समानता या अंतर बताने की क्षमता पर आधारित प्रश्न आते हैं।
- उदाहरण: कौन सी आकृति अन्य से भिन्न है?
3. **समानता और भिन्नता (Similarity & Differences):**
- शब्दों, आकृतियों या संख्याओं के समूहों में से समान या भिन्न को पहचानना सिखाएं।
- उदाहरण: बताएं कि इनमें से कौन सा समूह बाकी से अलग है?
4. **जोड़-घटाव की श्रृंखला (Analogy):**
- बच्चों को एक पैटर्न या संबंध को समझकर अगले तत्व की पहचान करनी होती है।
- उदाहरण: हाथ : दस्ताने :: सिर : _________?
5. **मिरर इमेज और वाटर इमेज (Mirror & Water Images):**
- बच्चों को यह सिखाएं कि किसी आकृति का दर्पण या जल में प्रतिबिंब कैसा दिखेगा।
6. **समय और दिशा (Time & Direction):**
- समय और दिशा से जुड़े प्रश्न सिखाएं, जैसे कि कौन सी दिशा में कौन सा काम होता है।
7. **कोडिंग-डिकोडिंग (Coding-Decoding):**
- बच्चों को शब्दों या संख्याओं की कोडिंग और उन्हें डिकोड करना सिखाएं।
- उदाहरण: यदि CAT को 312 लिखा जाए, तो DOG को क्या लिखा जाएगा?
8. **वर्गीकरण (Classification):**
- बच्चों को समूहों का वर्गीकरण करना सिखाएं, जैसे वस्त्र, फल, वाहन आदि।
**तैयारी के लिए रणनीतियाँ:**
1. **प्रतिदिन अभ्यास कराएं:**
- रीजनिंग एक ऐसा विषय है जो नियमित अभ्यास से मजबूत होता है। बच्चों को प्रतिदिन नए प्रश्न हल करने दें और उन्हें हल करने का समय निर्धारित करें।
2. **खेल-खेल में रीजनिंग सिखाएं:**
- बच्चों को खेलों के माध्यम से रीजनिंग सिखाएं, जैसे ‘पहेलियों’ या ‘पज़ल्स’ हल करवाएं, जिससे उनकी रुचि बनी रहे।
3. **समूह चर्चा और प्रश्नोत्तरी:**
- बच्चों के बीच समूह चर्चा कराएं ताकि वे एक-दूसरे के प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें। प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी करें।
4. **मॉडल प्रश्न पत्र:**
- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के आधार पर अभ्यास कराएं। इससे बच्चों को परीक्षा के पैटर्न और प्रश्नों की प्रकृति का अंदाजा होगा।
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**ग्रामीण सरकारी प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की सफलता हेतु विद्यालय के प्रयास:**
1. **पाठ्यक्रम-आधारित तैयारी:**
- विद्यार्थियों की बुनियादी शिक्षा मजबूत होनी चाहिए। हिंदी, गणित, और अंग्रेजी के साथ-साथ रीजनिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष ध्यान दें।
2. **अभ्यास पुस्तिका और संसाधन:**
- बच्चों को रीजनिंग और अन्य विषयों की अभ्यास पुस्तिकाएं उपलब्ध कराएं। इन पुस्तिकाओं में सरल से जटिल प्रश्न शामिल करें।
3. **अतिरिक्त कक्षाएं और व्यक्तिगत मार्गदर्शन:**
- बच्चों को अतिरिक्त समय देने के लिए कक्षाओं का आयोजन करें और व्यक्तिगत मार्गदर्शन दें। छात्रों की क्षमता के अनुसार उन्हें अलग-अलग समय पर प्रैक्टिस कराएं।
4. **मोटिवेशनल सेशन और जागरूकता:**
- बच्चों और अभिभावकों को परीक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करें। बच्चों को प्रेरित करें कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें।
5. **टाइम टेबल और नियमित टेस्ट:**
- नियमित टेस्ट लें और एक अनुशासित समय-सारणी बनाएं जिससे बच्चे नियमित रूप से पढ़ाई कर सकें।
6. **समूह-आधारित शिक्षा:**
- कमजोर और होनहार छात्रों को मिलाकर समूह बनाएं ताकि होनहार छात्र कमजोर छात्रों की मदद कर सकें।
7. **परिवार की भागीदारी:**
- अभिभावकों को बच्चों के पढ़ाई के महत्व के बारे में जागरूक करें और उनसे सहयोग प्राप्त करें ताकि वे घर पर भी बच्चों के साथ समय बिताएं।
8. **शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा दें:**
- बच्चों की मानसिक क्षमता के साथ-साथ उनकी शारीरिक क्षमता भी मजबूत होनी चाहिए। इसके लिए खेलकूद और अन्य गतिविधियों में भाग लेने को प्रोत्साहित करें।
इन प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी नवोदय प्रवेश परीक्षा जैसी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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