आदित्य और जंगली जानवरों की मित्रता**
आदित्य और जंगली जानवरों की मित्रता**
नवीन सिंह राणा
एक गाँव में एक बालक रहता था, जिसका नाम था आदित्य। वह बहुत ही उत्सुक बालक था नई नई चीजों के बारे में जानने को हमेशा लालायित रहता था। उसकी मां उसके हर बात का जबाब बहुत ही सलीके से देती थी कि आदित्य अपनी उत्सुकता का समाधान पा सके।
आदित्य के घर पर बड़ी ही प्यारी गाय थी, जिसका नाम था गौरी। गौरी बहुत ही समझदार और वफादार गाय थी। और पूरा परिवार उस गौरी का ख्याल रखता था। इससे गौरी परिवार के साथ खुशी खुशी रहती थी और आदित्य गौरी के साथ इधर उधर कभी कभी घूमने जाया करता था।
एक दिन, आदित्य ने अपनी गौरी को लेकर जंगल में घूमने चला गया। वहाँ उसने कई जंगली जानवर देखे। उसने देखा कि वहाँ कई तरह के जानवर रहते हैं, जैसे शेर, बाघ, हाथी, लोमड़ी, बंदर और बहुत सारे पक्षी। गौरी भी बहुत ही उत्साहित थी और आदित्य को सबकुछ बताने लगी। सभी जानवर गौरी और आदित्य के आसपास आकर उनको निहारने लगे। उनको देखकर आदित्य बहुत खुश हुआ और उनके बारे में गौरी की बाते बहुत ध्यान से सुनने लगा। आदित्य उन जानवरों के खान पान के बारे में और अधिक जानना चाहता था।
इसलिए आदित्य ने गौरी से पूछा, "गौरी, ये सभी जानवर और पक्षी अपना भोजन कैसे ढूंढते हैं?"
गौरी ने समझाया, "बेटा, जंगली जानवर और पक्षी अपने आसपास की प्राकृतिक वस्तुओं से अपना भोजन ढूंढते हैं। उन्हें जंगल के अनुसार उनकी आदतें और भोजन की परिस्थितियाँ होती हैं।
शेर और बाघ मांसाहारी जानवर हैं इसलिए ये अपना भोजन हेतु जंगली जानवरों को मारकर खाते हैं, हाथी शाकाहारी जानवर है इसलिए पेड़ों के पत्ते खाता है, कुछ पेडों की छाल निकाल कर भी खाता है, केले उसे बहुत पसंद होते हैं।और लोमड़ी भी मांसाहारी भोजन पसन्द करती है इसलिए यह छोटे-छोटे जानवरों को पकड़ती है। और उनको मारकर अपना भोजन बनाती है।
पक्षी वृक्षों के फल और कीड़ों को खाते हैं। कुछ अनाजों के दाने खाना पसन्द करते हैं,कुछ जीव मछली को खाना पसन्द करते हैं और इस तरह हर कोइ जीव अपने अपने तरीके से अपना पेट भरता है"
आदित्य बोला" अच्छा गौरी,"गौरी ने बताया, "बेटा, जंगली जानवर और पक्षी अपनी परिस्थितियों के अनुसार अपने रहन-सहन की व्यवस्था करते हैं। शेर और बाघ ठंडे स्थानों में रहते हैं, जबकि हाथी और लोमड़ी बारिशी क्षेत्रों में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं। पक्षी उच्च स्थानों में रहते हैं और पेड़ों पर अपना घोंसला बनाते हैं ताकि वे सुरक्षित रहें ।और उसके इधर उधर अपना भोजन पा सकें।"
इस तरह, गौरी ने आदित्य को जंगली जानवरों और पक्षियों की दुनिया के बारे में बहुत कुछ सिखाया। आदित्य गौरी के साथ जंगल में घूमकर और नई नई बाते जानकर फूला नहीं समा रहा था। इस प्रकार आदित्य ने यह समझा कि हर जानवर और पक्षी की अपनी-अपनी आदतें और जीवनशैली होती है, जिसे वे अपनी ज़िम्मेदारी के साथ समझते हैं और उसी के अनुसार जीते हैं।
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