समुद्र का रहस्यमयी संसार : एक बाल कहानी**

**समुद्र का रहस्यमयी संसार : एक बाल कहानी**
:नवीन सिंह राणा 

बहुत समय पहले की बात है, एक विशाल समुद्र के गहरे तल में एक छोटे से गाँव का नाम था "मोतियों की नगरी"। इस नगरी में कई प्रकार के जीव-जंतु रहते थे, जिनमें शरारती मछली "नीली", बुद्धिमान कछुआ "भोलू", चमकदार ऑक्टोपस "जगमग", और एक प्यारी सी डॉल्फिन "सीमा" थीं। सभी जीव-जंतु आपस में मिलकर खुशी-खुशी रहते थे। 

नीली सबसे तेज़ तैरने वाली मछली थी, और उसे नई-नई जगहों पर घूमने का बहुत शौक था। एक दिन नीली और उसके दोस्त समुद्र के सबसे गहरे कोने में खेलने गए। वहाँ उन्होंने एक चमकता हुआ बड़ा सा गोला देखा। "क्या ये कोई नया खिलौना है?" नीली ने उत्सुकता से पूछा।

"नहीं, यह खिलौना नहीं है," भोलू कछुआ धीरे-धीरे चलते हुए बोला। "यह तो इंसानों द्वारा फेंकी गई प्लास्टिक की बॉटल है।" 

"प्लास्टिक की बॉटल?" सीमा ने चौंकते हुए कहा। "ये कैसे यहाँ आ गई?"
"इंसान जब समुद्र में कचरा फेंकते हैं, तो वह बहकर यहाँ तक आ जाता है," जगमग ऑक्टोपस ने कहा। "यह प्लास्टिक हमारे लिए बहुत खतरनाक है। अगर हमने इसे गलती से खा लिया, तो हम बीमार हो सकते हैं, और कभी-कभी तो मर भी सकते हैं।"

"यह बहुत बुरा है!" नीली ने दुखी होकर कहा। "हमें इस प्लास्टिक को हटाना होगा।"

नीली और उसके दोस्तों ने मिलकर पूरी "मोतियों की नगरी" को साफ करने का फैसला किया। वे सभी मिलकर प्लास्टिक और अन्य कचरे को इकट्ठा करने लगे। लेकिन जितना वे साफ करते, उतना ही ज्यादा कचरा इंसानों द्वारा फेंका जाता रहा। 

एक दिन, जब समुद्र में तूफान आया, तो पानी के साथ ढेर सारा कचरा भी समुद्र में बहकर आ गया। नीली और उसके दोस्तों ने सोचा, "अगर ऐसा ही चलता रहा, तो हमारी नगरी पूरी तरह से कचरे में दब जाएगी और हम सभी का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।"

इस समस्या का हल निकालने के लिए उन्होंने बुद्धिमान व्हेल "नाना" के पास जाने का फैसला किया। नाना ने उन्हें सलाह दी कि "हमें इंसानों को यह समझाना होगा कि वे अपने कचरे को समुद्र में न फेंकें। केवल तभी हमारा घर सुरक्षित रह सकता है।"

फिर नीली और उसके दोस्तों ने एक खास योजना बनाई। वे सब मिलकर समुद्र की सतह पर जाकर एक सुंदर नृत्य पेश करते, जिसे देखकर समुद्र किनारे के लोग आकर्षित हो जाते। जब इंसानों की नजर उन पर पड़ती, तो वे अपने-अपने हाथों में तख्तियाँ उठाए रहते, जिन पर लिखा होता था: "कृपया समुद्र को साफ रखें", "हमारे घर को बचाएं", "कचरा समुद्र में न फेंकें।"

धीरे-धीरे, इंसान समझने लगे कि समुद्र को साफ रखना कितना जरूरी है। उन्होंने अपने कचरे को सही तरीके से फेंकना शुरू कर दिया, और समुद्र में कचरा फेंकना बंद कर दिया। 

नीली और उसके दोस्तों की कड़ी मेहनत रंग लाई, और "मोतियों की नगरी" फिर से साफ-सुथरी और सुरक्षित हो गई। सभी जीव-जंतु खुशी-खुशी अपने जीवन का आनंद लेने लगे। 

और इस तरह, नीली, भोलू, जगमग, सीमा और उनके सभी दोस्तों ने अपने समुद्र के घर को बचाया और यह साबित कर दिया कि मिल-जुलकर काम करने से बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है। 

**सीख:** बच्चों, हमें भी अपने आस-पास के पर्यावरण को साफ-सुथरा रखना चाहिए और कभी भी कचरा कहीं भी नहीं फेंकना चाहिए। अगर हम सभी ऐसा करेंगे, तो हमारा ग्रह भी नीली और उसके दोस्तों के समुद्र की तरह सुंदर और सुरक्षित बना रहेगा।

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