बोलता बगीचा*

बच्चों को ध्वनि, वर्ण, शब्द, और वाक्य की समझ दिलाने के लिए एक रोचक कहानी "बोलता बगीचा" प्रस्तुत करता हूँ:
:नवीन सिंह 
### **बोलता बगीचा**


एक बार की बात है, एक सुंदर और हरा-भरा बगीचा था। उस बगीचे में बहुत सारे पेड़, पौधे, और रंग-बिरंगे फूल थे। लेकिन इस बगीचे की सबसे खास बात थी कि यहाँ सब कुछ बोलता था! हाँ, पेड़-पौधे, फूल, और यहाँ तक कि हवा भी अपनी ध्वनि में बातें करती थी।


एक दिन छोटा सा गुलाब का फूल, जिसे सब "रुबी" कहते थे, अपने दोस्त हवा से पूछता है, "हवा, ये ध्वनि क्या होती है?" हवा ने मुस्कुराते हुए कहा, "ध्वनि वो आवाज़ है जो तुम सुनते हो। जैसे जब मैं पेड़ों की पत्तियों से टकराती हूँ, तो एक खास आवाज़ निकलती है, वही ध्वनि है।"

रुबी ने आगे पूछा, "ध्वनि से आगे क्या आता है?" पास खड़ा एक आम का पेड़, जो बड़ा ज्ञानी था, बोल पड़ा, "ध्वनि के बाद वर्ण आते हैं। वर्ण वो छोटे-छोटे अक्षर हैं जिनसे मिलकर शब्द बनते हैं। जैसे 'अ' एक वर्ण है। जब तुम 'अ' और 'म' को जोड़ते हो, तो 'अम' बनता है।"

रुबी को अब समझ में आने लगा था। लेकिन वह और जानना चाहता था। उसने पूछा, "अच्छा, और शब्द क्या होते हैं?" एक प्यारी सी तितली, जो फूलों पर मंडरा रही थी, बोली, "शब्द वो होते हैं जो कई वर्णों को जोड़कर बनाए जाते हैं। जैसे 'अम' और 'र' मिलकर 'अमर' बनते हैं। शब्दों से हम अपने विचार व्यक्त करते हैं।"

अब रुबी को बहुत सी बातें समझ में आ गई थीं, लेकिन उसने एक आखिरी सवाल पूछा, "वाक्य क्या होता है?" आम का पेड़ फिर से मुस्कुराया और कहा, "वाक्य शब्दों का समूह होता है, जैसे 'रुबी एक गुलाब है।' इस वाक्य में 'रुबी', 'एक', 'गुलाब', और 'है' शब्द हैं जो मिलकर एक पूरी बात कहते हैं।"

रुबी अब बहुत खुश था। उसने सीखा कि पहले ध्वनि होती है, फिर वर्ण, फिर शब्द, और अंत में वाक्य। अब जब भी हवा सरसराती, तितली उड़ती, या आम का पेड़ लहराता, रुबी उनकी बातों को और ध्यान से सुनता और समझता था। 

इस तरह बगीचे की सभी चीज़ें एक साथ मिलकर रुबी को सीखने में मदद करती रहीं, और रुबी धीरे-धीरे समझ गया कि भाषा कैसे काम करती है।

इस कहानी में हमने सीखा कि 
1: जो भी आवाजे हम सुनते हैं वे सभी ध्वनि हैं।
2: वर्ण अक्षर होते हैं जिसने ध्वनि निकलती है।
3: अक्षर मिलकर शब्द बनाते हैं और शब्द मिलकर वाक्य बनाते हैं।

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