बाल कहानी: “प्लास्टिक का बदला”*
*बाल*कहानी: “प्लास्टिक का बदला”**
:नवीन सिंह राणा
गांव कस्तूरीपुर बहुत सुंदर और हरा-भरा था। हर तरफ हरियाली थी, पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती थी और नदियाँ साफ़ व निर्मल थीं। गांव के बच्चे रोज़ नदी के किनारे खेलते और पेड़ों के नीचे बैठकर अपने दादा-दादी से कहानियां सुनते।
लेकिन एक दिन, गांव में एक बड़ी समस्या आ गई। कस्तूरीपुर के पास के शहर में रहने वाले लोग अपने प्लास्टिक का कचरा गांव के पास की नदी में फेंकने लगे। धीरे-धीरे नदी में प्लास्टिक की बोतलें, पॉलिथीन की थैलियाँ और अन्य कचरा जमा होने लगा।
गांव के लोग पहले तो इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे थे, लेकिन धीरे-धीरे नदी का पानी गंदा होने लगा। पक्षियों की चहचहाहट कम हो गई, और बच्चों को खेलने के लिए साफ़ जगह नहीं मिल रही थी।
गांव में एक छोटा लड़का था, जिसका नाम चिंटू था। चिंटू हमेशा अपने दोस्तों के साथ नदी के किनारे खेलता था, लेकिन अब नदी में प्लास्टिक का कचरा देखकर वह बहुत उदास हो गया था। एक दिन, उसने सोचा कि कुछ करना चाहिए ताकि उसकी प्यारी नदी फिर से साफ़ हो जाए।
चिंटू ने अपने दोस्तों को बुलाया और उन्हें बताया कि हमें इस प्लास्टिक के कचरे से लड़ना होगा। सभी बच्चों ने मिलकर योजना बनाई। वे गांव के सभी लोगों से मिलने गए और उन्हें प्लास्टिक और पॉलिथीन के खतरों के बारे में समझाया।
बच्चों ने बताया कि प्लास्टिक का कचरा हमारे पानी, मछलियों और पक्षियों के लिए बहुत खतरनाक है। यह हमारे खेतों को भी बर्बाद कर सकता है और अगर हम इसे तुरंत नहीं रोकते, तो आने वाले समय में हम स्वच्छ पानी और ताज़ी हवा से भी वंचित हो जाएंगे।
धीरे-धीरे गांव के लोग भी समझने लगे कि प्लास्टिक का कचरा कितना नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने मिलकर नदी को साफ़ करना शुरू किया और शहर के लोगों को भी प्लास्टिक का कचरा न फेंकने के लिए जागरूक किया।
कई दिनों की मेहनत के बाद, नदी फिर से साफ़ हो गई। पक्षी फिर से चहचहाने लगे और बच्चे खुश होकर नदी के किनारे खेलने लगे।
इस घटना के बाद, गांव के सभी लोग इस बात पर सहमत हो गए कि वे अब कभी भी प्लास्टिक और पॉलिथीन का इस्तेमाल नहीं करेंगे और अपने गांव को हमेशा हरा-भरा और साफ़ रखेंगे।
और इस तरह, चिंटू और उसके दोस्तों ने प्लास्टिक के कचरे से अपने गांव को बचा लिया। उनका यह कदम न केवल कस्तूरीपुर के लिए बल्कि सभी के लिए एक प्रेरणा बन गया।
**सीख:** प्लास्टिक और पॉलिथीन का कचरा हमारे वातावरण और धरती को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। हमें इसे इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और इसके सही निपटान के लिए जागरूक रहना चाहिए।
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