सोनू की जादुई बगीचा

सोनू की जादुई बगीचा
(प्रस्तुत कहानी में बच्चों को सरल भाषा में सजीव, निर्जीव और मृत वस्तुओं के बारे में सम झाने का प्रयास किया है।)
:नवीन सिंह 

 सोनू एक छोटे से गाँव में रहता था। उसे बगीचे में खेलना बहुत पसंद था। एक दिन, जब वह बगीचे में खेल रहा था, उसने देखा कि वहाँ तीन अजीब चीजें पड़ी थीं - एक सुंदर गुलाब का पौधा, एक चमकदार पत्थर, और एक सूखी पत्ती। उसने सोचा, "ये तीनों चीजें क्या हैं और इनमे क्या अंतर है?"

तभी, एक जादुई परिंदा उसके पास आया और बोला, "सोनू, मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ। मैं तुम्हें बताऊँगा कि ये तीनों चीजें क्या हैं।"

    परिंदा पहले गुलाब के पौधे के पास गया और बोला, "देखो सोनू, यह गुलाब का पौधा एक सजीव वस्तु है। यह बढ़ता है, इसे पानी और सूरज की रोशनी की जरूरत होती है, और यह हवा से कार्बन डाइऑक्साइड लेता है और ऑक्सीजन छोड़ता है। सजीव वस्तुएँ ऐसी होती हैं जो जन्म लेती हैं, बढ़ती हैं, साँस लेती हैं, और मर जाती हैं।"

    सोनू ने देखा कि गुलाब का पौधा सचमुच धीरे-धीरे बढ़ रहा था। उसने सिर हिलाते हुए कहा, "अब मुझे समझ में आया, इसका मतलब हमारे आस पास कुत्ता, बिल्ली, गाय, मुर्गी, बतख, चिड़िया आदि सभी सजीव चीजे हैं जो इस गुलाब की तरह ही सांस लेती हैं और अन्य क्रिया कलाप करती हैं।

     फिर परिंदा सोनू को पत्थर के पास ले गया और बोला, "यह चमकदार पत्थर एक निर्जीव वस्तु है। यह नहीं बढ़ता, इसे खाना नहीं चाहिए, और यह साँस भी नहीं लेता। निर्जीव वस्तुएँ ऐसी होती हैं जो बिना किसी जीवन के होती हैं। वे जैसे हैं वैसे ही रहते हैं और इनमें कोई जीवन के लक्षण नहीं होते।"

    सोनू ने पत्थर को उठाया और देखा कि वह सचमुच बिल्कुल नहीं बदल रहा था। उसने परिंदे से कहा, "यह तो बहुत आसान है!"

    अंत में, परिंदा सोनू को सूखी पत्ती के पास ले गया और बोला, "यह सूखी पत्ती कभी एक सजीव वस्तु थी, लेकिन अब यह मृत हो गई है। जब कोई सजीव वस्तु मर जाती है, तो वह निर्जीव हो जाती है। यह अब नहीं बढ़ेगी, न ही इसे कोई भोजन चाहिए होगा।"

    सोनू ने सूखी पत्ती को ध्यान से देखा और समझा कि यह पहले एक हरी पत्ती थी, लेकिन अब यह सूख गई है और नहीं बढ़ रही है। उसने मुस्कुराते हुए कहा, "धन्यवाद, जादुई परिंदे! अब मुझे सजीव, निर्जीव, और मृत वस्तुओं के बारे में समझ में आ गया है।"

     परिंदा उड़ गया और सोनू ने अपने बगीचे में खेलते हुए उन सभी चीजों को देखा और समझा कि वे किस प्रकार की हैं। इस तरह, सोनू ने अपने बगीचे में खेलते-खेलते सजीव, निर्जीव, और मृत वस्तुओं के बारे में सीखा।
यहां हमने सीखा कि 
1: सजीव चीजे वे वस्तु होती हैं जो बढ़ती हैं, और इस हेतु उन्हे हवा, सूर्य का प्रकाश, पानी की जरूरत होती है।
2: सजीव वस्तुएं जन्म लेती हैं, सांस लेती हैं, और उनकी मृत्यु होती है।
3: निर्जीव वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जो जीवन रहित होती हैं। उनमें सजीव में पाए जाने वाले गुण नही पाए जाते।
4: जब सजीव वस्तुए अपना जीवन खो देती हैं तो वे मृत वस्तुएं कहलाती हैं।

यदि आपको यह विज्ञान कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।
धन्यवाद 
                           :











टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

खटीमा ब्लॉक में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे बेहतरीन प्रयास दिनांक: 18 दिसंबर 2024

सेवानिवृत्त शिक्षक: समाज का मौन निर्माता और प्रेरणा के जीवंत स्रोत

थारू भाषा समर कैंप 2025 :थारू भाषा-संस्कृति संवर्धन की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल