गोलू और उसका जादुई गुब्बारा

        गोलू और उसका जादुई गुब्बारा 

           : नवीन सिंह 

      गोलू एक छोटा सा बच्चा था जिसे विज्ञान में बहुत दिलचस्पी थी। एक दिन उसकी माँ ने उसे एक नीला गुब्बारा दिया। गोलू ने गुब्बारे को फुलाया और उसे हवा में उड़ता हुआ देखा। उसने अपनी मां से पूछा, " मां,गुब्बारा हवा में क्यों उड़ता है?" 

उसकी माँ ने मुस्कुराते हुए कहा, "गोलू, गुब्बारा आसमान में उड़ता है इसका एक विज्ञान है जिसे मै आपको एक कहानी के माध्यम से तुम्हें समझाती हूँ।"

     मां ने कहा"एक बार की बात है, एक छोटा सा शहर था जहाँ छोटे-छोटे हवा के कण रहते थे। ये हवा के कण बहुत हल्के होते थे और हमेशा इधर-उधर घूमते रहते थे। एक दिन, उन्होंने देखा कि एक बड़ा सा गुब्बारा उनके शहर में आ गया है।"

"गुब्बारा बहुत खुश था क्योंकि उसे उड़ना बहुत पसंद था। लेकिन उड़ने के लिए उसे हवा के कणों की मदद चाहिए थी। उसने उनसे कहा, मेरे दोस्त बनोगे, तो मेरे अंदर आओ, मुझे उड़ने में मदद करो।' हवा के कण खुशी-खुशी गुब्बारे के अंदर चले गए।"

"गुब्बारा अब और हल्का हो गया और हवा में तैरने लगा। हवा के कणों ने उसे ऊपर उठाया। गोलू, यह वही कारण है कि जब तुम गुब्बारे को फुलाते हो, तो वह हवा से भर जाता है और हल्का हो जाता है, इसलिए वह उड़ता है।"

गोलू ने आश्चर्य से पूछा, "लेकिन माँ, हवा के कण कैसे हमें नहीं दिखते?"

माँ ने कहा, "हवा के कण बहुत छोटे होते हैं, इतने छोटे कि हम उन्हें देख नहीं सकते। लेकिन वे हर जगह होते हैं। हम उन्हें तब महसूस कर सकते हैं जब हवा चलती है।"

गोलू ने समझते हुए सिर हिलाया। "ओह, अब मुझे समझ में आया! गुब्बारा हवा के कणों की वजह से उड़ता है!"

उसकी माँ ने सिर हिलाते हुए कहा, "बिल्कुल सही, गोलू! जब तुम कुछ नया सीखते हो और समझते हो, तो वह भी एक तरह का जादू है।"

गोलू ने खुश होकर गुब्बारे को और ऊँचा उड़ा दिया और कहा, "धन्यवाद माँ, अब मुझे विज्ञान और मजेदार लगता है!"

इस तरह, गोलू ने सरल और मजेदार तरीके से विज्ञान का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत समझा और वह हर रोज़ कुछ नया सीखने के लिए उत्सुक रहने लगा।
इस कहानी के माध्यम से हमने सीखा कि 
1: वायु भी छोटे छोटे कणों से मिलकर बना है।
2: वायु के कण बहुत ही छोटे व हल्के होते हैं। और वायुमंडल में तैरते रहते हैं।
3: जब वायु को किसी वस्तु के अंदर भर दिया जाता है तो वह वस्तु भी हल्की महसूस होती है।


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धन्यवाद 











                 

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